करें गुरु दर्शन: गुरु साक्षात परब्रम्ह...

 गुरुपूर्णिमा, गुरुर ब्रम्हा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरा !

श्री श्री रविशंकर कहते हैं- जब हममें अपनी कोई इच्छाएं नहीं रह जातीं, तब हमारे जीवन में गुरु तत्व का उदय होता है. जब आप अपने स्वभाव में विश्राम करते हैं, तब वहां कोई उलझन नहीं होती है, लेकिन अकसर हम उलझन अनुभव करते हैं.

 
 
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